इंदिरा गाँधी पर निबंध – Essay On Indira Gandhi In Hindi-
हेलो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में Essay On Indira Gandhi In Hindi मतलब की श्रीमती इंदिरा गाँधी पर निबंध को पढ़ेगें! हमारे आजाद भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने अपने खून का हर एक कतरा भारत के गौरव की रक्षा में लगा दिया था! श्रीमती इंदिरा गाँधी एक आदर्श पिता के आदर्श पुत्री थी! श्रीमती इंदिरा गाँधी के बारे में एक बहुत ही पापुलर विदेशी लेखक माइटा किंग्सले ने कहा है की ” अप्रतिम सौन्दर्य और अप्रतिम शील के साथ जब एक चेतना का संयोग होता है तब उनका नाम हो जाता है- इंदिरा गाँधी!
अगर बात इंदिरा गाँधी के जन्म की की जाये तो इंदिरा गाँधी! का जन्म 19 नवम्बर 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था! इंदिरा गाँधी के पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरु और माता का नाम कमला नेहरु था! इंडिया का शायद ही कोई ऐसा ब्यक्ति होगा जो पंडित जवाहरलाल नेहरु को नहीं जानता होगा! पंडित जवाहरलाल नेहरु हमारे आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे! आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की ही बेटी थी इंदिरा गाँधी! इंदिरा गाँधी जब छोटी थी तब ही इनके माँ की मौत हो गयी थी! इंदिरा गाँधी के बचपन में ही इनकी माँ चल बसी थी! इंदिरा गाँधी का पालन पोषण उनके दादा मोती लाला नेहरु और उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरु की देख रेख में हुआ था! इंदिरा गाँधी बचपन से ही बहुत सुंदर और आकर्षक थी! इंदिरा गाँधी को लोग बचपन में प्यार से “इंदिरा प्रियदर्शनी कहकर बुलाते थे! इंदिरा गाँधी बचपन से ही बहुत होस्तियार थी! इंदिरा गाँधी ने अपने कार्यो से अपने आपको एक योग्य पिता की योग्य पुत्री साबित किया था!
इंदिरा गाँधी की शुरुवाती पढाई लिखाई इलाहाबाद में ही हुई थी! इंदिरा गाँधी ने हाई स्कूल की क्लास पुणे से पास किया था! इंदिरा गाँधी ने पढने के लिए विदेश भी गयी थी! भारतीय कला और संस्कृति की पढाई कोलकाता के शांति निकेतन से पाई थी! शांति निकेतन में गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की देख रेख में इनका और ज्यादा विकाश हुआ! इन सभी के अलावा इंदिरा गाँधी अपने पिता के साथ देश विदेश की यात्रा भी किया करती थी! अपने पिता के साथ देश विदेश की यात्रा करने के कारण उनको और अधिक ज्ञान की प्राप्ति हुई!
सन 1942 में इंदिरा गाँधी की शादी फिरोज गाँधी के साथ हुई थी! इनके दो पुत्र हुए जिनका नाम राजीव गाँधी और संजय गाँधी था! सन 1950 में इंदिरा गाँधी कांग्रेस पार्टी की अध्यछ बनी थी! जब 1964 में पंडित जहावाहर लाल नेहरु की मौत हो गयी उसके बाद लाल बाहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री बने! जब लाल बाहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री थे तब इंदिरा गाँधी उनके मंत्रिमंडल में सुचना एवं प्रसारण मंत्री बनी! लाल बाहादुर शास्त्री का 1966 जब एका एक मौत हो गयी! उसके बाद भारत के प्रधानमत्री के लिए इंदिरा जी और मोरारजी देसाई प्रमुख्य उम्मीदवार थे! लेकिन दोनों में इंदिरा गाँधी भारी बहुमत से जीत गयी! इस तरह आजाद भारत का पहला महिला प्रधानमंत्री बनाने का गौरव इंदिरा गाँधी को मिला!
इंदिरा गाँधी ने भारत में गरीबी मिटाने का बहुत प्रयास किया! इंदिरा गाँधी ने इसके लिए बैंको का रास्ट्रीकरण किया जिसके कारण बैंको में जमा धन गरीबी दूर करने की योजनायो में लगाये जाने लगा! इंदिरा गाँधी ने राजाओ को मिलने वाले मुफ्त सरकारी राशि को खत्म कर दिया! इसके साथ साथ इंदिरा गाँधी ने देश के विकाश के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम की शुरुवात की! और वह बीस सूत्री कार्यक्रम आज भी चल रहा है! परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष प्लान में भी इंदिरा गाँधी ने बहुत ध्यान दिया! परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष प्लान में भी इंदिरा गाँधी ने देश को सम्मानजनक स्तिथि में खड़ा कर दिया! इंदिरा गाँधी के कुशल अगुवाई में ही बांग्लादेश को आजादी मिली थी! इन घटनाओ से पूरी दुनिया के राजनीति में इंदिरा गाँधी की तूती बोलने लगी!
इंदिरा गाँधी की बढ़िया अगुवाई में भारत पूरी दुनिया में एक बड़ा शक्ति बनता जा रहा था! ऐसे में दुनिया के दुसरे देशो को ये बात अच्छी नहीं लगी! जिसके फलस्वरूप आतंकवादी शक्तिया ने इंदिरा गाँधी की ही सुरछा में लगे जो प्रहरियो से इनकी हत्या करवा दी! जिस दिन इनकी हत्या हुई थी वह 31 अक्तूबर 1984 का दिन था! इंदिरा गाँधी एक महान देशभक्त थी! इंदिरा गाँधी के पास साहस की कोई कमी नहीं थी! जिस समय पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ था उस समय इंदिरा गाँधी ने जिस साहस , वीरता और गंभीरता का परिचय दिया वह अप्रतिम है! बांग्लादेश को मान्यता प्रदान करके इंदिरा गाँधी ने अपने सहसा का पूरा परिचय दिया था! जब पाकिस्तान को चीन और अमरीका का पूरा समर्थन प्राप्त था तब भी इंदिरा गाँधी ने कोई कमजोरी और हीचकिचाहट नहीं दिखाई थी!
इस बात को हम सभी को मानना चाहिये की किसी भी देश की शक्ति का आधार आत्मविश्वास ही होता है! पश्चिम के देशो ने इंदिरा गाँधी को सबसे शक्तिशाली महिला घोषित कर दिया था! इंदिरा गाँधी को शक्ति और शांति का प्रतिरूप माना गया! शांति और युद्ध जैसे दोनों मौके पर जिस प्रकार इंदिरा गाँधी ने अगवाई की वैसा शायद ही कोई दूसरा ब्यक्ति किया होगा! इस दृष्टि से इंदिरा गाँधी नेहरु और दुसरे लोगो से भी आगे निकल गयी थी! शांति काल में नेहरु जी के आदर्श को अपनाया लेकिन जब देश युद्ध से आक्रांत हुआ तो वे चर्चितो के आदर्श पर चली! इंदिरा गाँधी मोम से कोमल थी और इस्पात सी कठोर भी थी! इंदिरा गाँधी के जन्म के समय सरोजनी नायडू ने जहावाहर लाल को लिखे गए बधाई पत्र में इंदिरा गाँधी को भारत की नई आत्मा कहा था! इंदिरा गाँधी का नाम उनके द्वारा किये गए कार्यो के कारण भारत के इतिहास में हमेशा के लिए अमर रहेगा!
मै उम्मीद करता हु की आपको Essay On Indira Gandhi In Hindi पसंद आया होगा! यदि आपको ये Essay On Indira Gandhi In Hindi पसंद आया है तो इसको अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूले!