नमस्कार दोस्तों आज हम भ्रष्टाचार पर निबंध 2021 (Corruption Essay in Hindi) लिखेंगे दोस्तों आज भ्रष्टाचार से पूरा भारत बुरी तरह से घिर चूका है बहुत चिंता का विषय है ऐसे में स्कूल में Bharat Me bhrashtachar par nibandh English हिंदी दोनों में लिखवाया जाता है।
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भारत में भ्रष्टाचार एक सामाजिक समस्या / भारत में भ्रष्टाचार कारण और निवारण
प्रस्तवना
भारत में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है। कि सही कार्य सही समय पर नहीं हो पाता है। लोग अपने स्वार्थ के लिए नियमों के विरुद्ध कार्य करते है। जिसके कारण इसका असर भारत की आर्थिक व्यवस्था और समाज पर पड़ता है।
आज भारत में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है। कि यह सभी प्रकार के शासन में हूं फैल गया है। इससे कोई भी अछूता ना रहा है। मीडिया, नगरपालिका, पुलिस, नेता इन सभी को भ्रष्टाचार ने अपने जाल में जकड़ लिया है।
भ्रष्टाचार ने मानवीय गुणों को नष्ट कर दिया है। और लालच एवं स्वार्थ पूरा करने के लिए अनुचित कार्य करने से भी नहीं हिचकी चाते है। ऐसे में इसका समाधान करना आवश्यक है।
भ्रष्टाचार की परिभाषा। Definition of corruption ?
भ्रष्टाचार अर्थात : का मतलब है। आचरण दूसरे शब्दों में कहा जाए तो भ्रष्टाचार का मतलब है। वह आचरण जो अनैतिक और अनुचित कार्य करना
२. परिभाषा भ्रष्टाचार अगर इसे दूसरी तरीके से समझा जाए तो हम बोल सकते है। वह कार्य जो नियम के विरुद्ध हो अनुचित हो और गलत हो उसको करवाने के ऐवज में दिया गया प्रतिफल (पैसे ) भ्रष्टाचार कहलाता है।
भ्रष्टाचार के प्रकार
- न्यायपालिका में भ्रष्टाचार
- सेना में भ्रष्टाचार
- मीडिया) का भ्रष्टाचार
- राजनैतिक भ्रष्टाचार
- नौकरशाही का भ्रष्टाचार
- कारपोरेट भ्रष्टाचार
- शिक्षा में भ्रष्टाचार
भारत के प्रमुख बड़े आर्थिक भ्रष्टाचार घोटाले
- बोफोर्स घोटाला – 64 करोड़ रुपये
- यूरिया घोटाला – 133 करोड़ रुपये
- चारा घोटाला – 950 करोड़ रुपये
- शेयर बाजार घोटाला – 4000 करोड़ रुपये
- सत्यम घोटाला – 7000 करोड़ रुपये
- स्टैंप पेपर घोटाला – 43 हजार करोड़ रुपये
- कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला – 70 हजार करोड़ रुपये
- 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला – 1 लाख 67 हजार करोड़ रुपये
- अनाज घोटाला – 2 लाख करोड़ रुपए (अनुमानित)
- कोयला खदान आवंटन घोटाला – 12 लाख करोड़ रुपये
भारत में भ्रष्टाचार का इतिहास
भारत में पहले से भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है। अंग्रेजों ने भारत में अधिकार करने के लिए राजा महाराजाओं को लाभ देने का लालच देकर उनको भ्रष्ट कर दिया और भ्रष्टाचार के माध्यम से अपनी इच्छा अनुसार कार्य करवाने का हथियार बना लिया गया
भ्रष्टाचार
वर्तमान समय में भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा फैल चुका है। इसकी शुरुआत करने का श्रेय ब्रिटिश काल अंग्रेजों का रहा है। जिन्होंने जन्म देकर इसको विरासत के रूप में दे दिया और जिसने आज बुरी तरीके से अर्थव्यवस्था को जकड़ लिया है।
भारत में भ्रष्टाचार पूरी तरीके से अपनी जड़े जमा चुका है। आजादी से पहले के समय और आजादी कुछ समय बाद बात करें तो उस समय भ्रष्टाचार आज जैसा नहीं था एक तरीके से नामोनिशान नहीं था
लेकिन आज के समय में भारत इस दलदल में इस तरीके से धस चुका है। उसमें से जैसे निकलना मुश्किल ही होता जा रहा है। आज के समय में भारत की जो भ्रष्टाचार क्या हालत है। वह शायद ही किसी देश की हो
भ्रष्टाचार ने देश की अर्थव्यवस्था और व्यक्ति दोनों को को इतना ना बुरी तरीके से प्रभावित किया है। इसकी चपेट में पुलिस ,सरकार, मीडिया, हर एक प्रणाली इसे ग्रसित हो गई है।
आज पैसे के लालच में और अधिक कमाने के लिए व्यक्ति गलत कार्यों को पूर्ण करके उसके एवज में पैसे ले लेता है। जिससे उस के द्वारा किए गए कार्य से गलत परिणाम निकलते है। आज समाज से लेकर सरकारी तंत्र भी भ्रष्टाचार से ग्रसित हो चुका है।
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार
न्यायपालिका की बात की जाए तो सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तो यहीं पर ही है। कोई व्यक्ति कानून की लड़ाई लड़ता है। तो इसके लिए वकील और न्यायधीश यह दो व्यक्ति होते है।
जिनके द्वारा उसको अधिकार और न्याय मिलता है। लेकिन अगर आप एक वकील करते है। और जब कानून की लड़ाई लड़ी जाती है। तो ऐसे में कुछ वकील विरोधी वकील से मिल जाते है। और एवज में काफी सारे पैसे ले लेते है।
जिस के लिए लड़ाई लड़ रहे होते है। उसको धोखा दे देते है। अगर इसके अलावा न्यायधीश द्वारा आपको न्याय ना मिले तो ऐसा लगता है। जैसे न्यायधीश उन लोगों से मिला हुआ है। और उसने जरूर पैसे लिए है।
रिश्वत के कारण आज वकील बनने के लिए पैसे देकर गलत फर्जी डिग्रियां बन जाती है। जिसका शिकार आम जनता होती है।
पुलिस प्रणाली में भ्रष्टाचार
पुलिस जिस पर हम सबसे ज्यादा विश्वास करते है। और जिसके कारण हमें सुरक्षा और सहायता मिलती है। उसमें इतना भ्रष्टाचार फैल चुका है। कि आज पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिलने की जगह अपराधी को न्याय मिलने लगा है।
क्योंकि पीड़ित व्यक्ति तो न्याय के लिए पुलिस के पास जाता है। वह किस कारण से पैसे देगा लेकिन जो अपराधी होता है। वह स्वयं को बचाने के लिए पैसे का उपयोग करता है। और जैसा कि सभी जानते है।
पैसे से सभी प्रकार का कार्य करवाया जा सकता है। क्योंकि पैसों से ही सभी प्रकार की सुख सुविधा प्राप्त होती है। इस कारण से पुलिस द्वारा रिश्वत ले जाने से अपराधियों का घ्रणित कार्य और भी बढ़ता है।
और वह पैसों को एक हथियार कि जैसे काम में लेते है। जिससे उनमें अनुचित कार्य करने की प्रवृत्ति बढ़ती है। और उसे दबाने के लिए पैसों का उपयोग करते है। जिसके कारण दोषी व्यक्ति को दंड न मिलने के कारण असंतोष बढ़ता है।
पैसों के द्वारा गलत अनुचित कार्य पूर्ण होने दूसरे व्यक्तियों को भी इस तरीके की गलत प्रेरणा मिलती है। और वह भी अपने कार्य को करवाने के लिए पैसों को गलत तरीके से उपयोग करते है। जिसके कारण भ्रष्टाचार अर्थात रिश्वत लेने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
सेना में भ्रष्टाचार
देश को सुरक्षा देने वाली चुस्त बहादुर और देश के प्रति बलिदान देने वाली सेना सबसे पहले स्थान पर रहती है। सेना को हमेशा युद्ध की लड़ाई लड़ने देश की सुरक्षा देने की ढाल माना जाता रहा है। लेकिन इसमें भी अब भ्रष्टाचार ने रंगत ला दिया
स्वतंत्रता के बाद आए समय के बदलाव की बात की जाए तो आयात और निर्यात पुरानी चीजों के उपयोग से कई सारी ऐसी दुर्घटनाएं हुई है। जिनमें सेना की मुख्य भागीदारी रही
जिन को नकारा नहीं जा सकता इसमें मुख्य रूप से भागीदारी सेना के उच्च अधिकारी का हमेशा नाम रहा है। और यह काम उच्च पद पर नियुक्त अधिकारी ही करते है।
देश की रक्षा करने वाली सेना के अधिकारियों को सभी बड़ी-बड़ी सुविधाएं दी जाती है। जिसके लिए उनको कोई अतरिक्त फालतू व्यव करने की जरूरत नहीं पड़ती है। और उनकी तनख्वा पूरी बनी रहती है।
जैसा सत्य है।की संतुष्टि और लालच की कोई सीमा नहीं होती है। इस कारण से सेना में भर्ती होने वाले युवक को को मिलने वाली वर्दी और खाने-पीने की राशन की सप्लाई बड़ी-बड़ी चीजों में धांधली घपलेबाजी की जाती है।
सेना में भर्ती hone वाले युवक और कुछ अधिकारी ईमानदारी से कार्य करते है। और अपना दायित्व पूर्ण रूप से ही करते है। लेकिन अब ऐसे लोग सेना प्रणाली में दाखिल हो चुके है।
जो केवल पैसों के लिए देश की सुरक्षा प्रणाली के बारे में नहीं सोचते और सरकार की तरफ से आने वाली सुविधाओं के बीच में घपले बाजी करते है। और इसका असर सभी पर पड़ता है। जिससे सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो जाते है।
इन सभी में सेना के रक्षा विभागों के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका हो रही है। जो कि सभी भ्रष्ट है। इन सब की जानकारी ना होने प्रमुख कारण आंतरिक सुरक्षा के सभी कार्यों को सेना तक ही सीमित रखा जाता है। जिसके कारण इसका खुलासा नहीं हो पाता है।
मीडिया का भ्रष्टाचार
देश को मजबूत बनाने में मीडिया का सबसे बड़ा महत्वपूर्ण स्थान रहा है। क्योंकि सभी तरीके की घपलेबाजी चाहे वह पुलिस की हो या सरकार की या व्यापार की इन सभी का खुलासा न्यूज़ मीडिया के द्वारा संभव है।
जिनसे देश में सुधार का श्रेय मीडिया को ही जाता है। लेकिन भ्रष्टाचार का आदि मीडिया भी आज हो चुका है। जिस का सबसे प्रमुख कारण मीडिया न्यूज़ समाचार जैसे कार्य पूंजीपति के हाथ में चले गए
जिनका उपयोग इन्होंने गलत तरीके से किया और अत्यधिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया इसके लिए यह राजनेताओं के साथ मिलकर कार्य करने लगे है। 1955 से ही मीडिया के मालिकों पर भ्रष्टाचार के सवाल उठ खड़े होते रहे है।
आज भारत में सच्ची घटनाओं पर आधारित सूचनाएं और महत्तपूर्ण जानकारियों की जगह विज्ञापन कंपनियों ने खरीद लिया है। वहां पर पिक्चर फोटो कुछ भी लिखवा देते है। मगर काम की बात नहीं लिखवाई जाती है। इनके सामने न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एजेंसी एक गुलाम की तरह हो गई है।
अच्छी और सच्चे लेख लिखने वाली संपादक के पत्र कभी दिखाई ही नहीं गए ना ही कभी उनका सम्मान हुआ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला तो इतना बड़ा था कि इसने एक नई युग की शुरुआत ही कर दी है। भ्रष्टाचार के मामले में जोकि राजनैतिक माहौल को भी भ्रष्टाचार का रूप दे दिया
इसके अलावा इमानदारी से काम करने वाले मीडिया के कार्यकर्ताओं पर भी भ्रष्टाचार के और दलाली के आरोप लगते रहे है। जिनमें गलत खबर छपवाने के लिए खिलाओ पिलाओ और पैसे थमाओ और अपनी मनमर्जी की खबर छपाओ की प्रणाली बना दी है।
मगर आज भी ऐसे ईमानदार पत्रकार है। जो ईमानदारी से कार्य करते है। और प्रतिफल देने से खुद को दूर रखते है। वे केवल कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी निभानी की जिम्मेदार निभाते है।
भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण आर्थिक शोषण है। जिसमे कम पैसों में अधिक कार्य कराया जाता है। जिसके कारण पत्रकार उस कार्य को ईमानदारी से नहीं कर पाते है। अपनी मेहनत के पैसे को कम मानकर ज्यादा पैसा प्राप्त करने के लिए अनुचित तरीका निकालते रहते है।
अनुचित कार्य करने के लिए पैसे की मांग करते है। जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। और इसका लाभ अन्य लोग भी लेने लग जाते है।
सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार
आजकल तो साधारण सरकारी कार्यालय में भी अगर हमारी कोई फाइल अटक जाए या फिर खेत के लिए कोई ऋण लेना हो तो उसको पास करवाने के लिए रिश्वत मांगी जाती है। ऐसे में हमें बहुत जल्दी होती है। जिसका फायदा यह उठाते है। और रिश्वत की पेशकश करते है।
भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव
- आर्थिक विकास में बाधक
- अपराधिक और अनुचित कार्य में वृद्धि
- समाज में असमानता
- मानवीय गुणों का हास
चुनाव सम्बन्धी भ्रष्टाचार
- बूथ लूटना, लोगों को मतदान करने से रोकना
- चुनाव से ठीक पहले पैसे, उपहार बाटना
- चुनाव में अनावश्यक पैसा खर्च करना
- प्रतिद्वन्दियों के बैनर-झण्डे फाड़ना एवं कार्यकर्ताओं को डराना-धमकाना
- मतगणना में घपलेबाजी करना
- लोगो को लुभावने योजनाएँ शुरू करना
- जाति के आधार पर वोट माँगना
- लोगों को लुभाने के लिए ऐसे वादे करना जो पुरे नहीं किये जा सकते
भ्रष्टाचार के कारण
1. भ्रष्टाचार के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है।
2. आर्थिक शोषण करना
3. रोजगार की कमी
भ्रष्टाचार के निवारण
1. अपने कार्य का उपयोग सही कार्य में करें
2. अपने कार्य को करवाने के लिए सही तरीका अपनाएं
3. किसी को रिश्वत नहीं दे अगर कोई रिश्वत लेता है। तो उसकी शिकायत करें
4. अधिकारी का वेतन नगर नदी कब के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाए
5. खाते में पैसे निकालने की सीमा एक बार में 10,000 और 1 महीने में 50,000 से अधिक ना कर पाए
6. इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर को ज्यादा बढ़ावा दिया जाए
7. जनता के शिकायत और कार्य पर जल्दी कार्यवाही हो का देने होने पर दोषी को दंडित किया जाए
8. सभी लोकसेवक के सदस्यों अर्थात बड़े सरकारी अफसरों की संपत्ति की घोषणा हड़ताल की जाए
9. भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाए उसकी सारी संपत्ति जप्त कर ली जाए
10. भ्रष्ट और अपराधी व्यक्ति के चुनाव संबंधित सभी कार्य बंद कर दी जाए
भारत में भ्रष्टाचार पर छोटा निबंध । (Small ) Short Corruption Essay in Hindi Word 150
भारत में भ्रष्टाचार आज सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है। ये यह बहुत ही चिंता का विषय है। भ्रष्टाचार ने आज पुलिस मीडिया सरकार यहां तक की सेना तक को भी नहीं छोड़ा है। भ्रष्टाचार का मतलब है।
भ्रष्ट आचरण मतलब गलत आचरण करना दूसरी भाषा में समझा जाए नियमों के विरुद्ध अनुचित कार्य करवाने के लिए प्रतिफल दिए जाने को रिश्वत या भ्रष्टाचार कहलाती है। भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव से आज हर जगह धांधलिया हो रही है।
सही कार्य ना तो समय पर हो पाता है। और ना ही वह अपने परिणाम पर पहुंच पाता है। क्योंकि भ्रष्टाचार ने भारत के विकास को धीमा कर दिया है। जिससे आर्थिक और सामाजिक दोनों ही प्रभावित हुए है।
भ्रष्टाचार के कारण समाज में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई है। भ्रष्टाचार के कारण सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाएं मैं घपले होने के कारण उसका फल जनता को नहीं मिल पाता है। अतः इसके लिए एक गंभीर कदम उठाना होगा
भारत में भ्रष्टाचार पर छोटा निबंध । (Small ) Short Corruption Essay in Hindi Word 300
भारत आज भ्रष्टाचार रूपी दलदल में इस तरीके से फँस चुका है। जैसे का निकलना मुश्किल हो रहा है। भारत में आज सरकार की हर प्रणाली में भ्रष्टाचार इस तरीके से बढ़ चुका है। जिसका असर भारत के आर्थिक विकास के साथ समाज पर भी इसकी बुरे परिणाम सामने आ रहे है।
भ्रष्टाचार के कारण सरकारी तंत्र खोखला होता जा रहा है। नियम के विरुद्ध और अनुचित कार्य करने के लिए रिश्वत दी जा रही है। जिसके कारण अपराध और गलत कार्यों में बढ़ोतरी हुई है।
भ्रष्टाचार के कारण आज पैसे देकर शिक्षा के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे है। सरकारी नौकरियां खरीदी जा रही है। इसके साथ ही सहकारी प्रणाली मीडिया, पुलिस, राजनीति, और न्यायपालिका में घूसखोरी की बढ़ोतरी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
भ्रष्टाचार का इतिहास भी काफी पुराना है। अंग्रेजों के समय में भारत पर राज करने के लिए अंग्रेजों ने राजाओं को सत्ता का लालच देकर उन्हें अपने अधिकार में ले लिया था
वहीं से इसकी शुरुआत हुई जो आज काफी हद तक बढ़ चुकी है। जिसके कारण भारत के विकास और जीवन शैली पूरी तरीके से प्रभावित हो रही है।
अगर इसी तरीके से भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई तो वह दिन दूर नहीं जब न्याय मिलने की उम्मीद भी ना रहेगी जिसका परिणाम यह होगा कि लोगों में असंतोष और क्रोध व्याप्त होगा और हर जगह हत्याएं, हड़ताल, दंगे, लूटमार, और तोड़फोड़ होगी
जिससे देश नष्ट होने की कगार पर आ जाएगा और फिर से यह गुलाम हो जाएगा इसके लिए हमें जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए और इसके लिए हमें ईमानदार और जन जागृति करनी होगी और एकजुट होना होगा साथ ही सरकार को इसके लिए कड़ी सजा देने के प्रावधान बनाने होंगे ताकि भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त किया जा सके और एक संबंध और सफल भारत का सपना साकार हो सके
भारत में भ्रष्टाचार पर छोटा निबंध । (Small ) Short Corruption Essay in Hindi Word 600
भारत में भ्रष्टाचार का नाता आंदोलन से शुरुआत से ही रहा है। अगर बात की जाए भ्रष्टाचार की तो यह कोई नया नहीं है। आजादी से पहले भी इसका अस्तित्व रहा है। यह अंग्रेजों के समय से ही चला आ रहा है।
क्योंकि अंग्रेजों ने भ्रष्टाचार एक विरासत के रूप में भारत को दिया जो आज बहुत विकराल रूप धारण करके भारत की आर्थिक विकास को धीरे-धीरे खा रहा भ्रष्टाचार के मामले में भारत आज सर्वप्रथम आ चुका है।
भ्रष्टाचार के कारण लोगों में हीन भावना का विस्तार होता जा रहा है। अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए भी किसी भी अनुचित कार्य करने से हिचकी चाते नहीं है।
एक अनुमान के अनुसार 62% लोग भारत में सरकारी कार्यालयों में अपना काम जल्दी करवाने या फिर गलत काम के लिए रिश्वत देते है। या फिर कोई ना कोई तरीका अपनाते है।
इस मामले में पुलिस में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होता है। भारत में अब तक कई बड़े-बड़े घोटाले हो चुके है। जिनमें से एक सबसे बड़ा घोटाला है। 2G स्पेक्ट्रम घोटाला इस घोटाले ने एक नई शुरुआत कर दी
भ्रष्टाचार में आज भ्रष्टाचार ने पुलिस सरकार शिक्षा न्यायालय को अपने चंगुल में ले ही लिया है। इसमें तो सेना भी पीछे नहीं है। जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। वर्तमान में भ्रष्टाचार ने लोगों को इस कदर अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
की भ्रष्टाचार में पकड़े जाने के बाद भी जो लोग भ्रष्टाचार कर रहे है। उनको कोई डर नहीं है। वह फिर भी भ्रष्टाचार कर रहे है। ऐसे में इसके लिए कठोर कानून बनाना होगा
जिससे भ्रष्टाचार पर पूरे तरीके से लगाम लगाए जा सके और इन सबके लिए आम जनता मैं जन जागृति लानी होगी और भ्रष्टाचार से होने वाले दुष्प्रभाव को बताना होगा जिससे आने वाले गंभीर समस्याओं को रोका जा सके
भारत में भ्रष्टाचार होने के कारण भारत के आर्थिक विकास की गति ही रुक गई है। भ्रष्टाचार ने आज सभी प्रणाली को भ्रष्टाचार से ग्रसित कर दिया है। जिस कार्य पर सरकार रोक लगा देती है। जो नियमों के विरुद्ध होता है। तो ऐसे में उस कार्य को करवाने के लिए पैसे का प्रलोभन देते है। या अन्य हथकंडे अपनाते है।
इस कार्य को करने के लिए केवल एक ही जिम्मेदार नहीं होता है। उस तंत्र के अंदर अन्य लोग कड़ी की जैसे जुड़े हुए होते है। जिससे वह कार्य सफल हो जाता है। जिसे को बढ़ावा मिलता है। न्यूज़ पेपर से लेकर सरकार की रोजगार और अन्य सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार होता है।
योजनाओं में घपले बाजी करके सरकार के पास गलत जानकारी भेजी जाती है। सरकार द्वारा योजनाओं में लगाई जाने वाली राशि का अधिकतम भाग अधिकारियों द्वारा रख लिया जाता है।
इसका सबसे बड़ा कारण एक दूसरे से सांठगांठ और भागीदारी होती है। जिसके कारण खुलासा नहीं हो पाता है। आज के समय में सरकार के अधिकतम कार्य पूंजी पतियों के अधिकार में चले गए है। जिसका वह अनुचित लाभ उठाते है। इस कारण से आज के समय में पूंजीपति सबसे ज्यादा धनी व्यक्ति हो गए है।
इन सभी के लिए जरूरत है। कड़े कानून व्यवस्था बनाने के साथ ईमानदार और अनुभवी व्यक्तियों का चयन किया जाए और भ्रष्टाचार करने पर कड़ी सजा का प्रावधान रखा जाए जिसमें उम्र कैद या पूरी संपत्ति जप्त की जाए ताकि भ्रष्टाचार करने से पहले वह 10 बार सोचे
भारत को सफल और समृद्धि देश बनाने में सफल हो पाएंगे और इसके लिए जनजागृति और ईमानदार होने की बहुत ही ज्यादा जरूरत है।
उम्मीद करता हूं आपको मेरा जरूर निबंध भ्रष्टाचार पर निबंध Corruption Essay in Hindi पसंद आया होगा