नमस्कार दोस्तों आज हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध (Save The daughter, Educate The daughter essay In Hindi ) लिखेंगे दोस्तों भारत देश पुराने समय से लेकर आज के समय में लड़कियों को लेकर गलत कुरीतिया और धारणा है। और भेदभाव भी है।
जिसे उनको पढ़ाया नहीं जाता है। और इसका महत्व नहीं जानते है। इसलिए आज हम beti bachao beti padhao par nibandh English हिंदी दोनों में लिखवाया जाता है।
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चलिए दोस्तों स्टार्ट करते है।। हमारा आज का टॉपिक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध हिंदी में (Save The daughter, Educate The daughter essay In Hindi )
Save The daughter, Educate The daughter essay In Hindi
प्रस्तावना
जैसा आपने एक श्लोक सुना है। यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता जिसका अर्थ है। जहां पर नारी की पूजा होती है। वहां पर देवता वास करते है। और जहां पर नारी का अपमान होता है।
वहां यज्ञ होम सभी क्रियाएं असफल हो जाती है। किसी भी देश की प्रगति और सफलता में नारी का सबसे महत्वपूर्ण स्था।न होता है। वैदिक युग में भी नारी को सबसे ऊंचा स्था।न दिया गया है।
लेकिन फिर भी नारियों पर अत्याचार और उनका शोषण होता रहा है। लेकिन आज के बदलते समय के कारण लोगों की सोच में काफी परिवर्तन आ चुका है।
हमारे देश के विकास और उन्नति में तो बदलाव आ गया है। लेकिन लोगों की सोच भी आज वही है। आज के समय में लोग स्त्री जाति को क्षण मात्र भी सम्मान नहीं मिल पा रहा है।
आज बेटियां घर के बाहर से ज्यादा घर में ही सुरक्षित नहीं है। स्वामी विवेकानंद ने एक बात कही थी जहा स्त्री का सम्मान नहीं होता है वह देश कभी भी प्रगति नहीं कर सकता जबकि भारत को स्त्री को सम्मान के लिए जाना जाता है फिर भारत में क्यों बेटियों की दुर्दशा की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है।
लोग लड़के की चाह में लड़कियों को मां के गर्भ में ही हत्या कर देते है । जिसे भूण हत्या कहते है । और आज इतनी जनसंख्या बढ़ चुकी है फिर भी लड़कियों का अनुपात कम है । यह बहुत ही गंभीर समस्या हो चुकी है।
अतः इसके लिए हमें जल्दी से जल्दी प्रभावी कदम उठाने होंगे पूरी दुनिया का अस्तित्व लड़कियों पर टिका है। क्योंकि बिना महिला के मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
पहले के समय में स्त्री का बहुत ही सम्मान होता था। उन्हें पूजा जाता था।। किसी भी कार्य में स्त्री की मुख्य रूप से भूमिका होती थी कोई भी शुभ कार्य होता था। उसमें महिला का होना अत्यंत आवश्यक होता था।।
यहां तक कि भगवान शंकर ने भी कहा है। बिना स्त्री के वे स्वयं भी अधूरे है । इन सभी बातों को जानते हुए भी लोग स्त्री जाति का तिरस्कार करते है । उन्हें अपमानित करते है । तथा। उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाता जो एक पुरुष को मिलता है।
वर्तमान समय में यह इतना ज्यादा गंभीर हो चुका है। कि लड़कियां घर के बाहर निकलने से डरती है। क्योंकि वह सुरक्षित नहीं है। अगर सही मायने में कहां जाए तो घर में भी सुरक्षित नहीं है।
क्योंकि सबके मन में यह भावना बैठ गई है। कि लड़की को पढ़ा लिखा कर क्या करना है। शादी होने के बाद घर का काम ही करेगी और लड़की की शादी करेंगे तो उसके लिए दहेज़ चाहिए ।।
इसके अलावा उनकी देखरेख कौन करेगा वंश कैसे चलेगा इन सभी छोटी सोच के कारण लोग बेटी को पैदा होने से पहले ही कोख में मार देते है । या फिर अगर जन्म लेती है।
तो उसे कहीं सुनसान जगह पर छोड़ देते है । जहां या तो वह तड़प तड़प के दम तोड़ देती है। या फिर किसी जानवर का शिकार हो जाती है। ऐसे में मनुष्य मनुष्य जाति को कलंकित कर देता है।
हर साल हजारों की संख्या में भ्रूण हत्या होती है। जिसका असर सामाजिक और आर्थिक स्थिति दोनों पर ही पड़ता है। अगर इसी तरीके से लड़कियों की निर्मम हत्या होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब इस धरती पर पुरुष जाति का नामो निशान मिट जाएगा
क्योंकि उस पुरुष जाति का जन्म भी एक स्त्री की कोख से ही होता है। क्योंकि बिना स्त्री के जन्म और मरण दोनों ही चक्र रुक जाते है । इन सब की जानकारी मनुष्य को होते हुए भी वह इसकी और गंभीर नहीं है।
इसलिए हमारा कर्तव्य है। हम लड़कियों को भी वही स्था।न दें जो एक लड़के को मिला है। देखा जाए आज के समय में लड़कियां लड़कों से काफी ज्यादा आगे बढ़ गई है।
किसी भी क्षेत्र में लीजिए लड़कियां लड़कों को सफलता में पीछे छोड़ रही है। और आपका नाम रोशन कर रही है। आज के समय में लड़किया न तो घर के बाहर सुरक्षित है। ना घर के अंदर इसके अलावा शादी के बाद भी वह सुरक्षित नहीं है।
जिसका सबसे बड़ा कारण है। लड़की का शिक्षित नहीं होना अगर लड़कियां शिक्षित नहीं है। तो उसको के अधिकार के बारे में जानकारी नहीं होती है।
जिसके कारण वह शोषण और अत्याचार का शिकार हो जाती है। इसके अलावा शिक्षित ना होने के कारण वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाती है। और लाचार होने के कारण उसको अत्याचार सहन करने पड़ते है ।
अगर बेटियां शिक्षित होगी तो उसको दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा वह खुद का जीवन निर्वाह खुद कर पाएगी और खुद को सुरक्षित भी रख पाएगी क्योंकि ज्यादातर शादी गलत जगह पर होने से यह तो दहेज के कारण उसको घर से निकाल दिया जाता है। या फिर की जिंदगी खराब हो जाती है।
कई बार तो इसके घातक परिणाम सामने आने को मिले है । जिसमें दहेज में बेटियां या तो आत्महत्या कर लेती है। या उनकी हत्या कर दी जाती है। क्योंकि अगर बेटियां शिक्षित होगी तो अपने अधिकार के लिए लड़ सकती है।
उस पर हो रहे अत्याचार को रोक सकती है। क्योंकि लड़कियों को प्यार और स्नेह की जरूरत है। वह भी हमारी शरीर का हिस्सा है। हमें उनकी रक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए । सरकार द्वारा बेटियों के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम तभी प्रभावी होगी जब तक की जनता को खुद नहीं साथ देगी
हमें अपनी बेटियों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा देनी ।और सभी में जनचेतना उतपन्न करनी है । और बेटियों के महत्व को समझाना है । अगर बेटियां है। तो कल है।
इसके अलावा अगर कहीं भी बेटियों पर अत्याचार या गलत होते देखे तो उसका विरोध करे जिससे हम खोया हुआ सम्मान फिर से प्राप्त कर सके और एक सुंदर महान हिंदुस्तान की रचना कर सकें ।
उपसंहार
वर्तमान में हो रही स्त्री की दशा को हमने सुधारना होगा और बेटी और बेटे कि भेदभाव को समाप्त करना होगा हमारी बेटी को सम्मान मिले स्वतंत्रता से और अधिकार से अपना जीवन जी सकें और आने वाली खुशियों को जी भर के खुशी के पल के साथ जी सके
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध। Short Essay On Save The daughter, Educate The daughter essay In Hindi Words 350
शिक्षा का विकास होते हुए भी वर्तमान समय में यह घ्रणित कार्य मध्यम गरीब और अमीर लोग सभी कर रहे है। इसे में बेटियों के अस्तित्व पर खतरा आ चुका है। हर कोई लड़के की चाह में लड़कियों की कोख में हत्या कर देता है। इस तरीके से तो मानव जाति पर ही संकट उत्पन्न हो जाएगा।
क्योंकि एक मनुष्य का जन्म एक स्त्री के द्वारा ही होता है। अगर स्त्री नहीं हुई तो पृथ्वी पर मानव नाम का प्राणी ही नहीं रहेगा कहां जाए तो हमसे बेहतर जानवर ही है।
वह अपनी संतान को पूर्ण प्रेम करते है। और कोई भेदभाव नहीं करते ऐसी कल्पना की गई थी कि शिक्षा के द्वारा पुरानी कुरीतियां जो बेटियों के लिए बनी थी वह समाप्त हो जाएगी ।
लेकिन आजकल की शिक्षा भी नाकाफी होती जा रही है। वह असफल हो गई है। वर्तमान समय में बेटियां घर में ही नहीं सुरक्षित तो फिर बाहर की क्या उम्मीद लगाई जा सकती है। क्योंकि नारी जाति को कभी वह सम्मान मिला ही नहीं जो पुरुष को मिला है।
हमेशा नारी को पुरुष जाति से नीचे माना है।और उसे दुनिया में आने से पहले ही समाप्त कर दिया जाता है। बेटियों की इस निर्मम हत्या का सबसे प्रमुख कारण कुरीतियां और छोटी सोच है। जिसे हम बदलना ही नहीं चाहते है ।
इन सभी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है । और प्रोत्साहन दिया जा रहा है। रैली निकाली जा रही है। लेकिन हम स्वयं जब तक इसके लिए तैयार नहीं होंगे
यह समस्या यूं ही चलती रहेगी इसके लिए। एक कठोर कानून बनाना जिसमें 7 साल तक की कह दो अधिकतम अधिकतम जुर्माना लगाया जाए ताकि इस पर लगाम लगाई जा सके और बेटियां के अस्तित्व को सुरक्षित रखें जिससे हमारे भारत विकास और समृद्धि में हमेशा आगे बढ़ता रहे
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास इन सभी की सहायता और प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का आरंभ किया गया
इसकी शुरुआत 22 जनवरी 2015 को हुई थी इसके अंदर कम लिंगानुपात वाले 100 जिलों को इस योजना में शुरुआत में लिया गया इसमें संघ शासित 2011 की जनगणना अनुसार और कम से कम बाल लिंगानुपात के आधार पर हर राज्य से कम से कम 1 जिले के साथ 100 जिले के एक पायलट का चयन किया गया
वर्तमान समय में भारत की जनसंख्या बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी है। लेकिन इसके बावजूद लड़कियों की संख्या बढ़ने के बजाय घट रही है। जो कि बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है।
2001 की जनगणना के अनुसार 1000 लड़कों पर 927 जबकि 2011 की गणना में 908 आ गई है। जो कि और भी ज्यादा घट गई है।
UNICEF के अनुसार इसने भारत को बाल लिंग अनुपात के लिए 195 देशों में 41 में स्था।न पर दिया है। इसका मतलब है। कि हम लिंग अनुपात में 40 देशों से बहुत पीछे है ।
योजना के उद्देश्य
1. बालिकाओं की शिक्षा को सुनिश्चित करना
2. बालिकाओं को शोषण से बचाने के लिए उसे सही गलत की पूरी जानकारी देना
3. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का मुख्य लक्ष्य शिक्षा के द्वारा लड़कियों को सामाजिक आर्थिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र आत्मनिर्भर बनाना है।
5. लोगों में जागरूकता पैदा करना ताकि वह महिलाओं के लिए शुरू की जाने वाली कल्याणकारी सेवाओं के वितरण में सुधार कर सकें
6. इस योजना का मुख्य उद्देश्य लड़का और लड़की में कोई भेदभाव ना हो और लिंगानुपात समान रूप से रहें
7. योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों को सुरक्षित रखना और उनके अस्तित्व को बचाना है।
8. शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्र में भी उन्हें समान रूप से अधिकारी प्राप्त हो
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवेदन कैसे करें
1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए बैंक अकाउंट केवल लड़की के नाम से ही खुलेगा और इस योजना में मिलने वाले लाभ के नियमों को एक बार जरूर आप पढ़ ले
2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मैं लड़कियों की उम्र 10 साल तक निर्धारित की गई है। उनके नाम पर बैंक अकाउंट खोलना अनिवार्य है।
3. प्रधानमंत्री द्वारा शुरू गई इस योजना का कोई चार्ज नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है। खाता खुल जाने के बाद इसमें कोई कटौती नहीं होगी
उम्मीद करता हूं आपको मेरा आर्टिकल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध (Save The daughter, Educate The daughter essay In Hindi ) जरूर पसंद आया होगा अगर पसंद आए तो मुझे कमेंट कीजिएगा और हमारे आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिएगा धन्यवाद