Dosto आज हम holi par nibandh hindi mein लिखेंगे, जो यदि आप यदि इस निबंध को पसंद करते हो तो आप पाने स्कूल मै इस्तेमाल कर सकते है.
होली का त्यौहार भारत का सबसे पसंदीदा त्यौहार मन जाता है क्यों कि इस दिन लोग अपने सभी गमो को भुलाकर एक दुसरे को प्यारभरे रंग लगते है और एक दुसरे को लगे लगाकर सभी दुश्मनी को भुला देते है. ये त्यौहार हर धर्म और जाति के बंधन को खोल देता है. इसलिए सभी लोग अपने पुराने मन मुटाव को छोड़ कर एक दुसरे को गुलाल लगते है.
भरपुर आनंद का ये त्यौहार: होली एक ऐसा रंगों का त्यौहार है जिसे हर उम्र के लोग खेलते है. चाहे वो बच्चे हो या बड़े बुडे सब इस त्यौहार को मिलकर मानते है. ये होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को को मनाया जाता है. जैसे ही रात होने लगती है तब हर कोई अपने घर के पास या कोलोनी के बहार होलीका बनाकर उसका पूजन करती है बाद मै होली दहन करते है और उस होली दहन मै सभी बुराइयों को भस्म करते है.
क्या आप जानते है कि इस होली के त्यौहार से बहुत कथाये भी जुडी हुई है. आज मै एक कथा आप से कहता हु. तो ध्यान से सुनना. बहुत समय पहले एक राजा हुआ करता था उसका नाम हरिण्यकश्यप था. बह बहुत ही क्रूर था उसका एक पुत्र भी था उसका नाम प्रह्लाद था. वह भगवन श्री हरी का परम भक्त था जबकि उसका पिता हरिण्यकश्यप श्री हरी का दुश्मन था. जब हरिण्यकश्यप को पता चला कि उसका पुत्र श्री हरी (विष्णु) का परम भक्त है तो उसने अपने बेटे को भक्ति करने से मना किया लेकिन प्रहलाद नहीं माना और श्री हरी कि जप करने लगा. ये देखकर हरिण्यकश्यप को बहुत गुस्सा आया और उसने अपने पुत्र को मरने कि योजना बनाई. उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया. और कहा कि तुम मेरे पुत्र को लेके आग मै बैठजाओ ताकि वो हरी की भक्ति बंद कर दे. होलिका ये करने को तयार हो गई. उसको भगबान एक था कि वो कभी भी आग मै नहीं जलेगी. तो वह प्रहलाद को लेके आग मै बैठ गई परन्तु प्रहलाद ने पाने भक्ति नहीं छोड़ी और वह आग मै बैठे बैठे श्री हरी का जप करता रहा. जिससे विष्णु भगबान खुश हुए और प्रहलाद को आग से बचाया और होलिका का आग मै दहन को गया. इससे हमें ये पता चलता है कि हमेसा बुराई पर अच्छाई कि जीत होती है. तब से ये होली दहन किया जाता है.
कैसे मानते है ये त्यौहार. इस दिन लोग जल्दी उठकर अपने रंगों को लेकर दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घर जाते है और सभी रंग लगाकर एक दुसरे से गले मिल कर त्यौहार का आनंद लेते है. साथ ही घर मै हर तरह के पकवान बनाये जाते है जैसे कि मिठाइयाँ, गुजिया, ताकि जब होली खेलके घर आये तो खाने का भी आनंद ले. ये तो आप जानते ही होंगे तो ये त्यौहार बच्चों का सबसे विशेष त्यौहार होता है. बच्चें अपनी होली कि पिचकारी गुब्बारा लेकर एक दुसरे पर पानी और रंग डालते है. कुछ लोग तो अपनी टोली बनाकर हर घर जाते है ताकि सभी को रंग लगा सके.
ये तो आप जानते ही होंगे कि ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है। जितनी हाली यहाँ खेली जाती है उतना कही नहीं खेली जाति.
हमें क्या नहीं करना चाहिए : देखो बैसे तो ये त्यौहार हर किसी को खुशिया देता है. लेकिन होली खेलते समय हमें कुछ बातो को ध्यान रखना चाहिए जैसे कि आज बाजार मै अच्छी क्वालिटी के रंगों का प्रयोग नहीं होता और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंग खेले जाते हैं। इसलिए हमें वही रंग इश्तेमाल करना चाहिए तो त्वचा को नुकसान न पहुचाये. और आंखो का खास ध्यान रखना चाहिए.
निष्कर्ष – होली 2021 मस्ती से भरा होता है और हर कोई अपने गिले सिक्वे भुलाकर त्यौहार मनाता है. इस बार ये होली का त्यौहार Sunday, 28 March को आ रहा है.