आषाढ़ की एकादशी यानी देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए क्षीर सागर में निद्रा अवस्था में चले जाते हैं
फिर कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु नींद से जागते हैं। इसलिए कार्तिक मास भगवान विष्णु को प्रिय मास है।
इस बार 8 नवंबर को आ रही है कार्तिक पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण भी देखने को मिल सकता है इस दिन
पांच दिनों तक चलता है कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, इसलिए इसका नाम त्रिपुरारी पड़ा।
Kartik Purnima के Upay
प्रतिदिन तुलसी को जल चढ़ाने से घर में सुख और शांति बनी रहती है
विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी स्तोत्र करे
एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए
दीपक का दान करे
और शाम को दीपक का दान करना चाहिए। जिससे मनुष्यों की पैसे की समस्या की खत्म होती है.
उगते सूर्य को जल दे
5 दिनों में देवउठनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक उगते सूर्य को जल देना चाहिए।
जल में दीपक जलाएं
नदी या सरोवर हो तो एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक प्रतिदिन जल में दीपक जलाएं।
इसके साथ ही शनि, यम, राहु, केतु आदि के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए भी दीपक का दान करना लाभकारी होता है।
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